दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण कानूनी फैसले में, नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न के आरोपी दुकानदार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने अपने फैसले में आरोपों की गंभीरता और गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। आरोपी, जिसकी पहचान मामले की संवेदनशीलता के कारण गुप्त रखी गई है, ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए गिरफ्तारी से सुरक्षा मांगी थी। हालांकि, अदालत ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। यह निर्णय नाबालिगों के खिलाफ अपराधों को अत्यंत गंभीरता और तत्परता से निपटने के लिए न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।