शिवसेना नेता ने कहा: भुजबल का मंत्रिमंडल से बाहर होना एनसीपी का आंतरिक मामला
मुंबई, 30 दिसंबर (पीटीआई) – महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल में तब हलचल मच गई जब शिवसेना नेता और राज्य मंत्री भरत गोगावले ने छगन भुजबल के मंत्रिमंडल से बाहर होने पर बयान दिया। गोगावले ने जोर देकर कहा कि यह निर्णय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का आंतरिक मामला है, न कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का।
रविवार को पत्रकारों से बातचीत में गोगावले ने कहा, “शिवसेना और भाजपा की तरह एनसीपी को भी अपने मंत्रियों का चयन करने की स्वतंत्रता है। इसलिए, भुजबल का बाहर होना केवल एनसीपी का मामला है।”
अनुभवी राजनेता भुजबल ने एनसीपी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के विस्तारित मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनके शामिल होने का समर्थन किया था।
15 दिसंबर को कुल 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें से 33 ने कैबिनेट की भूमिका निभाई और बाकी राज्य मंत्री के रूप में। यह घटनाक्रम गठबंधन के राजनीतिक गतिशीलता के रूप में जारी है।