राजस्थान की विद्युत वितरण कंपनियाँ (डिस्कॉम्स) अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने और ट्रांसमिशन हानि को कम करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल को अपनाने की दिशा में देख रही हैं। इस पहल का उद्देश्य निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता और निवेश का लाभ उठाकर बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण और सेवा वितरण में सुधार करना है।
राज्य की डिस्कॉम्स को महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन हानि का सामना करना पड़ा है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और सेवा विश्वसनीयता प्रभावित हुई है। पीपीपी मॉडल को एकीकृत करके, राजस्थान अपनी कार्यप्रणाली को सरल बनाने, हानियों को कम करने और अपने उपभोक्ताओं को अधिक स्थायी विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि पीपीपी मॉडल उन्नत तकनीक, बेहतर प्रबंधन प्रथाओं और वित्तीय संसाधनों को ला सकता है, जो विद्युत क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस दृष्टिकोण से डिस्कॉम्स की कार्यक्षमता में वृद्धि और अंतिम उपयोगकर्ताओं को अधिक विश्वसनीय और किफायती विद्युत आपूर्ति की उम्मीद की जा रही है।
राजस्थान सरकार इस रणनीतिक बदलाव से निजी खिलाड़ियों को आकर्षित करने और एक प्रतिस्पर्धी माहौल बनाने के लिए आशान्वित है, जो अंततः उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं और कम लागत का लाभ देगा।
यह विकास देश भर में ऊर्जा दक्षता और स्थिरता में सुधार के व्यापक राष्ट्रीय एजेंडे के साथ मेल खाता है, जो राज्य के विद्युत क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।