महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कुछ ठेकेदारों पर बिना काम किए बिल जमा करने का आरोप लगाया है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सार्वजनिक परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया। पवार ने स्पष्ट किया कि ऐसे धोखाधड़ी वाले कार्यों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह बयान राज्य में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की बढ़ती चिंताओं के बीच आया है। पवार ने करदाताओं के पैसे का प्रभावी और जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने दृढ़ता से कहा, “हम किसी भी प्रकार की अनियमितता को सहन नहीं करेंगे,” और दोषियों की पहचान और दंडित करने के लिए एक व्यापक जांच शुरू की जाएगी।
इस घोषणा ने विभिन्न हितधारकों, जिनमें विपक्षी दल और नागरिक समाज समूह शामिल हैं, के बीच प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं, जो लंबे समय से सार्वजनिक खर्च की कड़ी निगरानी की मांग कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार को रोकने की प्रतिबद्धता को सरकारी परियोजनाओं में जनता का विश्वास बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।