भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि प्रत्येक पुलिस एनकाउंटर के मामले की अलग से जांच करना संभव नहीं है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि एनकाउंटर के लिए स्थापित दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में पुलिस एनकाउंटर की वैधता और संख्या को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। अदालत की टिप्पणी कानून प्रवर्तन और मानवाधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करती है, और अधिकारियों से अपराध गतिविधियों से निपटने के दौरान कानून का पालन करने का आग्रह करती है।