भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने हाल ही में एक कानूनी सम्मेलन में बोलते हुए विवाद समाधान के लिए मध्यस्थता की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी विवाद न्यायालय में निपटारे के लिए उपयुक्त नहीं होते और मध्यस्थता एक अधिक सौहार्दपूर्ण और प्रभावी मार्ग प्रदान करती है। यह दृष्टिकोण न केवल समय और संसाधनों की बचत करता है, बल्कि पक्षों के बीच सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है। सीजेआई की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब न्यायपालिका अदालतों पर बोझ कम करने के लिए वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र की खोज कर रही है।