रांची, झारखंड – भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 तक झारखंड के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण की क्षमता 88,303 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। यह अनुमान राज्य की बढ़ती आर्थिक क्षमताओं और भारत के वित्तीय परिदृश्य में उसकी रणनीतिक महत्वता को दर्शाता है।
प्राथमिकता क्षेत्र ऋण में कृषि, सूक्ष्म और लघु उद्यम और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं, जो राज्य की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आरबीआई के मूल्यांकन में वित्तीय समावेशन और इन क्षेत्रों के लिए समर्थन बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है, जिससे सतत विकास सुनिश्चित हो सके।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह अनुमान बैंकों और वित्तीय संस्थानों को उनके ऋण गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे झारखंड में आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार भी सहायक नीतियों और पहलों के माध्यम से इस वृद्धि को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।