**नई दिल्ली:** भारत के वस्त्र उद्योग को सशक्त बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री ने 2030 से पहले 9 लाख करोड़ रुपये के वस्त्र निर्यात का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद जताई है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए है।
उद्योग जगत के नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक परिदृश्य में वस्त्र क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमारा वस्त्र उद्योग न केवल हमारी अर्थव्यवस्था का स्तंभ है, बल्कि हमारे समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है।” सरकार इस क्षेत्र की वैश्विक सफलता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सभी प्रकार का समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने नवाचार और स्थायी प्रथाओं के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें नई तकनीकों और स्थायी तरीकों को अपनाना होगा ताकि हम वैश्विक बाजार की मांगों को पूरा कर सकें।”
उद्योग विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री की दृष्टि का स्वागत किया है, जो वैश्विक स्तर पर भारतीय वस्त्रों की बढ़ती मांग के अनुरूप है। रणनीतिक निवेश और नीतिगत समर्थन के साथ, यह क्षेत्र अभूतपूर्व वृद्धि के लिए तैयार है।
सरकार ने पहले ही उत्पादन और निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें स्थायी प्रथाओं और तकनीकी उन्नयन के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।
जब दुनिया उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्रों के लिए भारत की ओर देख रही है, प्रधानमंत्री की दृष्टि उद्योग के भविष्य के लिए एक आशाजनक मार्ग निर्धारित करती है।
**श्रेणी:** व्यापार और अर्थव्यवस्था
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