हाल ही में एक राजनीतिक घटनाक्रम में, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और तीन-भाषा नीति की शर्तों पर कड़ी निंदा की है। स्टालिन ने एक सार्वजनिक संबोधन के दौरान अपनी चिंताओं को व्यक्त किया, यह कहते हुए कि ऐसी शर्तें राज्य की स्वायत्तता और भाषाई विविधता को प्रभावित करती हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इन शर्तों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, क्षेत्रीय भाषाओं और शैक्षिक ढांचे के सम्मान के महत्व को रेखांकित किया। इस विवाद ने व्यापक बहस को जन्म दिया है, जिसमें कई लोग संघवाद और भारत में सांस्कृतिक पहचान पर इसके प्रभाव पर चर्चा कर रहे हैं।