एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाते हुए, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अमेरिका के बाहर होने की घोषणा की। यह निर्णय अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, जो इजरायल के खिलाफ परिषद की कथित पक्षपात और वैश्विक स्तर पर गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के प्रति असफलता की लंबे समय से आलोचना का प्रतिबिंब है। साथ ही, ट्रम्प प्रशासन ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए फंड रोकने की घोषणा की है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बहस और चिंता उत्पन्न हुई है। फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) के लिए सहायता रोकने का निर्णय इजरायल के साथ शांति वार्ता में फिलिस्तीनी नेतृत्व पर दबाव डालने की व्यापक रणनीति का हिस्सा माना जाता है। आलोचकों का तर्क है कि ये कदम क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा सकते हैं और दो-राज्य समाधान के प्रयासों को कमजोर कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय विभाजित है, कुछ राष्ट्र अमेरिकी रुख का समर्थन करते हैं, जबकि अन्य फिलिस्तीनी समुदायों पर संभावित मानवीय प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त करते हैं।