पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अमेरिका के बाहर निकलने की घोषणा की है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित हुआ है। यह निर्णय अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जो इज़राइल के खिलाफ पक्षपात के आरोपों के चलते अंतरराष्ट्रीय निकाय के साथ चल रहे तनाव को दर्शाता है।
साथ ही, ट्रम्प ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए वित्त पोषण रोकने की घोषणा की है, जिससे वैश्विक मानवीय संगठनों के बीच व्यापक बहस और चिंता उत्पन्न हुई है। यह वित्त पोषण कटौती संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को प्रभावित करती है, जो मध्य पूर्व में लाखों फिलिस्तीनी शरणार्थियों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करती है।
आलोचकों का तर्क है कि ये निर्णय क्षेत्र में तनाव को बढ़ा सकते हैं और शांति और स्थिरता के प्रयासों को कमजोर कर सकते हैं। हालांकि, समर्थकों का दावा है कि यह संयुक्त राष्ट्र की दीर्घकालिक समस्याओं को हल करने के लिए और अमेरिकी विदेश नीति की प्राथमिकताओं को पुनः स्थापित करने के लिए एक आवश्यक कदम है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय विभाजित है, कुछ देश अमेरिकी रुख का समर्थन करते हैं, जबकि अन्य ने आगे मानवीय संकटों को रोकने के लिए निर्णयों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।