**श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर:** हाल ही में एक घटना के बाद, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने जम्मू और कश्मीर में तीन सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर कड़ी निंदा की है। इन कर्मचारियों को देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त किया गया है, जिसे हुर्रियत प्रमुख ने ‘अत्यंत निंदनीय’ बताया है।
बर्खास्त किए गए व्यक्तियों में एक शिक्षक, एक पुलिस कांस्टेबल और एक राजस्व अधिकारी शामिल हैं। अधिकारियों का दावा है कि ये कर्मचारी राज्य की सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल थे। हालांकि, हुर्रियत नेतृत्व का कहना है कि बर्खास्तगी राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं और असहमति को दबाने के उद्देश्य से की गई हैं।
एक बयान में, हुर्रियत प्रमुख ने निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया और सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। “ऐसे कदम केवल लोगों को अलग करते हैं और तनाव बढ़ाते हैं,” उन्होंने टिप्पणी की।
बर्खास्तगी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यक्तिगत अधिकारों के बीच संतुलन पर बहस छेड़ दी है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक और नागरिक समाज समूह इस मुद्दे पर अपनी राय दे रहे हैं। हालांकि, सरकार का दावा है कि यह निर्णय क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के हित में लिया गया था।