हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गोरव गोगोई के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है। गोगोई की पत्नी के खिलाफ आरोपों के चलते यह विवाद शुरू हुआ। सरमा ने मीडिया से कहा, “गोरव शायद इस स्थिति में फंसे हुए हैं, और मैं उनके प्रति वास्तव में सहानुभूति रखता हूँ।”
यह टिप्पणी भाजपा और कांग्रेस के बीच दुर्लभ सहानुभूति के क्षण को दर्शाती है।
यह घटना भारत में राजनीतिक संबंधों की जटिलता को दर्शाती है, जहाँ व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन अक्सर एक-दूसरे में उलझ जाते हैं, जिससे अप्रत्याशित समर्थन और गठबंधन बनते हैं।
राजनीतिक परिदृश्य अशांत है क्योंकि दोनों पार्टियाँ इस विवाद के प्रभावों से निपट रही हैं, और सरमा की टिप्पणी ने चल रही चर्चा में एक नया आयाम जोड़ा है।