**नई दिल्ली:** आयकर अधिनियम की पारदर्शिता और समझ को बढ़ाने के लिए आयकर विभाग ने आई-टी अधिनियम और कर विधेयक का विस्तृत मानचित्रण शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य करदाताओं को विभिन्न प्रावधानों और उनके प्रभावों की स्पष्ट जानकारी प्रदान करना है।
मानचित्रण प्रक्रिया आई-टी अधिनियम के प्रत्येक खंड को वर्गीकृत करेगी, जो कर विधेयक के प्रासंगिक खंडों के साथ संरेखित होगा। यह संरचित दृष्टिकोण जटिल कर ढांचे को सरल बनाएगा, जिससे यह आम जनता और कर पेशेवरों के लिए अधिक सुलभ होगा।
विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह पहल कर प्रशासन प्रणाली को आधुनिक बनाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिससे यह अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और कुशल हो सके। कर कानूनों को स्पष्ट करके, विभाग बेहतर अनुपालन को प्रोत्साहित करने और कर चोरी की घटनाओं को कम करने की उम्मीद करता है।
कर विशेषज्ञों ने इस कदम का स्वागत किया है, यह नोट करते हुए कि यह कानून की अस्पष्टताओं और संभावित गलत व्याख्याओं को कम करने में मदद करेगा। विस्तृत मानचित्रण को वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा करने की उम्मीद है, और अपडेट आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
विभाग ने करदाताओं से सूचित रहने और सटीक कर दाखिल सुनिश्चित करने के लिए प्रदान किए गए संसाधनों का उपयोग करने का आग्रह किया है।
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