हालिया घटनाक्रम में, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र सरकार के प्रस्तावित ‘लव जिहाद’ कानून का विरोध किया है। अठावले ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी नागरिकों को समान मानते हैं, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो।
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रमुख नेता अठावले ने कहा कि केंद्र सरकार ‘लव जिहाद’ की अवधारणा को मान्यता नहीं देती। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, यह बताते हुए कि ऐसा कानून सामुदायिक सद्भाव को बाधित कर सकता है।
‘लव जिहाद’ शब्द का उपयोग अक्सर दक्षिणपंथी समूहों द्वारा मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिंदू महिलाओं को विवाह के माध्यम से धर्मांतरित करने के कथित अभियानों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हालांकि, अठावले की टिप्पणियां इस मुद्दे पर व्यापक राजनीतिक बहस को दर्शाती हैं, जिसका राज्य में सामाजिक सामंजस्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
मंत्री की टिप्पणियां इस विषय पर बढ़ती चर्चाओं के बीच आई हैं, क्योंकि कई राज्यों ने इसी तरह के विधायी उपायों पर विचार किया है। अठावले की स्थिति एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित करती है जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करती है और सामाजिक शांति बनाए रखती है।